Thursday, October 25, 2007

********क़ुरबत***************

नफरते भी उस से, मोहब्बते भी उस से
ये दिलके मामले भी हुआ करते है अजीब,

ना टूट कर जुडे, ना जुड कर कभी टूटे
ये क़ुरबतो के फासले भी हुआ करते है अजीब,

उसे देखूँ तो ना चाहूँ, ना देखूँ तो चाहूँ
ये दिल के फैसले भी हुआ करते है अजीब,

वो मिले तो ना मिले, वो ना मिले तो मिलने की जुस्तुजू करू
ये मोहब्बते से से इम्तेहान भी हुआ करते है अजीब..............

3 comments:

Raj said...

इतने दोस्तो मे भी एक दोस्त की तलाश है मुझे
इतने अपनो मे भी एक अपने की प्यास है मुझे

छोड आता है हर कोइ समन्दर के बीच मुझे
अब डूब रहा हु तो एक उम्मीद की तलाश है मुझे

लडना चाहता हु इन अन्धेरो के गमो से
बस एक शमा के उजाले की तलाश है मुझे

तग आ चुका हु इस बेवक्त की मौत से मै
अब एक हसीन मोहब्बत की तलाश है मुझे

दीवना हु मै सब यही कह कर सताते है मुझे
जो मुझे समझ सके उस शख्श की तलाश है
"Priyraj"

Anonymous said...

haan priyanka ji aapne hal-e- dil bahut thik bayan kia hai

Anonymous said...

Hi Priya Didi
Happy Dipawali to you & all Bolg viewers.

Kisi ne kaha phool se ki ye mujhko bata
Tu aaj tak kyu khilta raha.
Tune to di sabko khushbu tujko kya milta raha?
Phool ne muskurakar kaha abhi tu nadan hai,
Jivan ke sachey piyar se abhi tu anjan hai,
Dene ke badle kuch lena vo to ek viyapar hai
Jo de kar bhi kuch na mange vo hi sacha piyar hai.