जब से तुने मुस्कुराना छोडा है
फूलो ने बागो मे आना छोडा है,
उल्फत मे अब वो कहाँ लज़्ज़त है बाकी
जबसे तुने दिल को दुखाना छोडा है,
मोड पे कैसे आये मरासीम अब अपने
रूठना तुमने और मैने मनाना छोडा है,
वक़्त-ए-वस्ल मे तेरा गैर सा मिलना
बेहर्म गैरत-ए-इश्क़ ने अब करना छोडा है,
वलवाले दिल के किसको दिखाऊंगी अपने
तुने तो वो रिश्ता ही निभाना छोडा है.................
2 comments:
rishton ko bakhubi anzam diya hai aapne........
प्रिया जी
कैसे कहूं कि जिन्दगी से उनके जाने के बाद कितने आहत होते है दिल के अरमान जो आपने दर्शायें हैः
"उल्फत मे अब वो कहाँ लज़्ज़त है बाकी
जबसे तुने दिल को दुखाना छोडा है"
Shukriya both of you:
Piryanka ji with Ashish ji
अब हमने भी......
*****मर मर के जीना छोड् दिया***
मर मर के जीना तुमने छोड् दिया,
लो हमने भी ऐसा जीना छोड दिया
प्यार तुमने दिया आज क्यूं तोड दिया
सपनों के ख्याली कच्चे धागों से
अपने जख्मों को भी सींना छोड् दिया
ढलते ही शाम से शुरू होना
अब् हमने वो करीना छोड दिया
तूफान हमें इतना रास आया
कि हमने सफीना छोड दिया
तुम्हारा प्यार क्या छुटा मुझसे
शोख हसीन ख्वाबों ने आना छोड दिया
प्रियराज
Post a Comment