एक ख्वाहिश है, झलक मिल जाये उस चेहरे की
कि इस दीदार की बाब की कोई तम्मना ना रहे,
एक ख्वाहिश है, उस दिल तक पहुँचे सदायें
कि दो दिलो की धडकनो मे कोई दूरी ना रहे,
एक ख्वाहिश है, रिश्ता जूड जाये उस नाम से
कि फिर जूडा रहने की कोई मजबूरी ना रहे,
एक ख्वाहिश है वो हाथ थाम ले इस तरह
कि फिर इस दिल की कोई कमजोरी ना रहे,
एक ख्वाहिश है मौत आ जाये उनकी बाहो मे
कि फिर ज़िन्दगी से कोई शिकायत ना रहे,
एक ख्वाहिश है कि लौट आये वो
कि फिर इन्तेज़ार की कोई वजह ना रहे,
एक ख्वाहिश है भर जाये खुशियो से दामन
कि किसी गम की कोई जगह ना रहे,
एक ख्वाहिश है संग चले वो उम्र भर मेरे
कि फिर किसी और का आसरा ना रहे,
एक ख्वाहिश है कि पूरी हो जाये हर ख्वाहिश इस दिल की
कि फिर खुदा से कोई इल्तज़ा ना रहे......................
2 comments:
insha allaha!
aapki har khwahis puri ho..........
बहुत खूब इन्शाह अल्लाह शायरी जगत की मल्लिका बने प्रियाजी
एक ख्वाहिश है कि पूरी हो जाये हर ख्वाहिश इस दिल की
कि फिर खुदा से कोई इल्तज़ा ना रहे...
रोते हैं तेरी याद में..
इसके सिवाय क्या करें
किस्मत में होना था जुदा
तुमसे भी गिला क्या करें
करके दुआ मांगा था तुम्हें
पाकर मगर खोया तुम्हें
अब मांगे खुदा से ओर क्या
खोई हमने दुआ अब क्या करें
प्रियराज
Post a Comment