तेरी यादो के बिना कोई लम्हा गुज़ारा नही
एक पल ऐसा नही जब हमने तुम्हे पुकारा नही,
मेरी कोशिश कामयाब तो हुई नही
अगर आप जीते है तो मै हारी भी नही,
शायद हमारी किस्मत मे साथ तुम्हारा नही
कश्ती भी है माज़ी भी है पर किनारा नही,
कर रखा है जिसने सारे घर मै उजाला
आंसू है मेरा ये कोई टूटा हुआ तारा नही,
किसके गले से लगकर रोये हम
इस भरी दुनियाँ मे अपना कोई सहारा नही,
वो आके पोंछ दे आंसू हमारी आंखो से
हमारी किस्मत को तो ये भी गवारा नही.............................
2 comments:
प्रियन्का जी
"किसके गले से लग कर रोयें हम......?
इस भरी दुनियां में अपना कोई सहारा नहीं"
इसे पढ के किसे रोना न आएगा? मेरे तो जहर भरा तीर सा लगा सीने पर बडा दर्द है इसमें.
मेरी तरफ से.......
*****बर्फ पडी है*****
कोमल कोमल पलकों पर
बर्फ पडी है सपनों की
कतरा कतरा भीग रहा है
सूरत एक ख्यालों की
सूखे पत्तों पर किस की
सांस की आहट है
साथ चलूं या रुक जाऊं
किस शाख पर लिखी इजाजत है
जाने किस दोराहे पर आके ठहर
गया पागल दिल पगलाने को
प्रियराज......
bahut khub kaha priyanka ji kismat kabhi-2 aisa hi khel kelti hai........
girirajji ka bhi jawab nahi .....
Post a Comment