Dil Jab Gum Mein Doob Jata Hai, Toh Dil-E-Bimar Se Buss Aaise Hee AAh Nilkalti Hai....
Nacheez Ki Yeh Arrzon Hai Ki Uski Nazm Aapke Dil Ko Chuun Jayen,.........
यही बेहतर था तुम को बज़्म में गाने नहीं देती
दिल-ए-दुश्मन को हरगिज़ भी मैं बहलाने नहीं देती,
मुझे मालूम होता जा के तुम वापस न आओगे
तो फिर ऐ बेवफ़ा पहलू से मैं जाने नहीं देती,
अगर यह जान जाती आये हो बस चार ही दिन को
तो अपने दिल में मैं तुम को कभी आने नहीं देती,
अगर एहसास होता तोड़ के इस दिल को जाओगे
तुम्हारी याद अपने दिल पे मैं छाने नहीं देती,
मुझे मालूम होता मय तुम्हें माफ़िक न आयेगी
गम गल्त करने को ये पैमाने नहीं देती.......................