Tuesday, July 24, 2007

******दिल-ए-दुश्मन*******


Dil Jab Gum Mein Doob Jata Hai, Toh Dil-E-Bimar Se Buss Aaise Hee AAh Nilkalti Hai....

Nacheez Ki Yeh Arrzon Hai Ki Uski Nazm Aapke Dil Ko Chuun Jayen,.........


यही बेहतर था तुम को बज़्म में गाने नहीं देती
दिल-ए-दुश्मन को हरगिज़ भी मैं बहलाने नहीं देती,
मुझे मालूम होता जा के तुम वापस न आओगे
तो फिर ऐ बेवफ़ा पहलू से मैं जाने नहीं देती,
अगर यह जान जाती आये हो बस चार ही दिन को
तो अपने दिल में मैं तुम को कभी आने नहीं देती,
अगर एहसास होता तोड़ के इस दिल को जाओगे
तुम्हारी याद अपने दिल पे मैं छाने नहीं देती,
मुझे मालूम होता मय तुम्हें माफ़िक न आयेगी
गम गल्त करने को ये पैमाने नहीं देती.......................

Wednesday, July 18, 2007

***लब कैसे ज़ाहिर कर दें *******

Jab Dil Me Kissi Ki Yaad Ka Diya Jal Utha Hai Toh,
Ek Mitthi Se Puhaar Ke Roop Me Dil Me Pyar Ki Barrish Karne Lagta Hai............

Pur Dil Darr Bhi Jata Hai, Ki Iss Pyar ki Barrish Me Kahi Koi Tufaan Na Aa Jaiyee,

Nacheez Ki Koshis Shayad Rang Laaye............








वो प्यार तो करना चाहते हैं पर करने से कतराते हैं
लब हिलते हैं कुछ कहने को पर कहने से शरमाते हैं,

पल भर को नज़र जो उठ जाये तो मिलते ही झुक जाती है
हम उन की अदाओं के सदके उन पर जी जान लुटाते हैं,

उन के हुस्न और नज़ाकत की तारीफ़ भला कैसे कीजे
वो इंसां हैं या कोई परी ये सोच के हम भरमाते हैं,

दिल की पुरज़ोर तमन्ना को उन पर ज़ाहिर कैसे कर दें
हो जायें खफ़ा न वो हम से यह सोच के हम रह जाते हैं,

इज़हार न हम कर पाते हैं राहों में गर मिल जायें
पर रातों की तनहाई में दिल में सौ ख्वाब सजाते हैं....................................

*****मौत का है समां*******













Zindgi Kabhi Kabhi Itna Mazboor Kar Deti, Ki Inssan Mazboor Ho Jata Hai Iss Duniya Ko Chodh Kar Chale Jaane Ko.............
Koi Chara Nahi Rehta Usske Paass...........Siway mar Jane Ko................

लो चुकी ज़िन्दगी, मौत का है समां
एक लमहा है दोनों के अब दरमियां


जो उजड़ा ज़मीं पे तो गम कुछ नहीं
अब फ़लक पर बनेगा मेरा आशियां

न हस्ती न कुछ भी है मेरा वज़ूद
क्यों रहें इस जहां में कदम के निशां

चाहे मायूस है मेरा चेहरा मगर
मेरी फ़ितरत में हैं लाख शोले निहां

अलविदा कर चली मैं जहां को
अब हुआ खत्म चाहती हैं ये दूरियां.

Thursday, July 12, 2007

*****ला न सकेंगे********


Pyar Me Jab Sab Kuch Luut Jata Hai,
Aur Dil Gum Me Doob Jata Hai,
Toh Buss Mehboob Ki Bewafiyee Ko Yaad Karke Yahi Aah Nikalti Hai......

Nacheez Ko Aapke Anmol Shabdon Ka Intezar Karengi............



भुलाना भी चाहें भुला न सकेंगे
किसी और को दिल में ला न सकेंगे.......

भरोसा अगर वो न चाहें तो उन को
कभी प्यार का हम दिला न सकेंगे.........

वादा निभायेंगे, वो जानते हैं
कसम हम को झूठी खिला न सकेंगे.........

क्यों आते नहीं वो है मालूम हम को
नज़र हम से अब वो मिला न सकेंगे............

ज़ोर-ए-नशा-ए-निगाह अब नहीं है
मय वो नज़र से पिला न सकेंगे.................

हकीकत से अपनी वो वाकिफ़ हैं खुद ही
कर हम से अब वो गिला न सकेंगे.....................

Friday, July 6, 2007

******मुश्किल है*********



Jab Dil Me Sare Zasbaat Mohabbat ke Mar jaten Hai,
Aur Dil Gum Ki Yaddon Me Doob Jata Hai, Toh
Dil Se Kuch Aaise hee AAAAAH Nikalti Hai,
Jiska Dard Sird Sehne Wala He Mehsoos Kar Sakta Hai......

Shayad Nacheez Ki Yeh Nacheez Ada Bha Jayee Aapko.........





वादे करना तो आसां है मुश्किल है उन्हें निभा देना,
अरमान जगाना आसां है मुश्किल है उन्हें दबा देना.........

दुनिया है दुश्मन आशिक की यहां कदम कदम पर पहरे हैं,
आसां है करना इश्क मगर मुश्किल है इश्क छिपा देना............

इस राह-ए-मोहब्बत में पल पल सौ दर्द ज़िगर में उठते हैं,
रुसवाई प्यार की आसां है मुश्किल है अश्क बहा देना................

सिलसिला वफ़ा का और ज़फ़ा का इक अनबूझ कहानी है,
आसां है प्यार शुरू करना मुश्किल है प्यार भुला देना.....................

जब तर्क मोहब्बत होती है तब बहुत दिल दुखता है,
यादों का आना आसां है मुश्किल है याद मिटा देना...........................