Thursday, May 22, 2014

****जीने का अंदाज *****

जीने का अंदाज यारों,अब हमें भी आ गया हैं,
किसी ने बडे मज़े से,गम का जाम पिला गया हैं .......
यादों के मयखाने में,छलकती दर्द की सुराही ,
हर घूंट धीरे-धीरे,ज़ख्मों पे मरहम लगा गया हैं...........
बेवफ़ाई के किस्से,हमने भी सुने थे बहुत ,
दिल के टुकडे समेटने का,हुनर हमें भी आ गया हैं ...............

Tuesday, May 13, 2014

****आँखों से आँखों की ज़ुबान पढ़ना****

रात का जगना, दिन का सोना,
उसकी झलक के संग ख़्वाबोँ को संजोना
उसके संग रूठना, फिर मनाना, मान जाना और फिर रूठ जाना ।......

आँखों से आँखों की ज़ुबान पढ़ना
बिन बोले सब कुछ कह जाना
करना दुआ ख़ुदा से हर वक़्त और दुआओँ में बस उसे ही मांगना ।........

उसे दिल में बसाना और फिर उसी के दिल में ख़ुशी से बस जाना
उससे दूर दूर भागना फिर शर्माकर उसी की बाहोँ में समा जाना ।...........


छू के उसके होठोँ को आहिस्ता आहिस्ता कमल सा खिल जाना
कहीं इश्क़ तो कहीं आशिक है प्यार
कहीं ख़ुदा कहीं ख़ुदा का दिया हुआ यह नज़राना...........

Friday, May 2, 2014

****वक़्त के हाथों ***

ग़ज़ल की महफ़िल लगाओ बड़ी उदास ये रात है
आँखों से दरिया बेह निकला कैसी ये बरसात है....

कहो मोहब्बत से आज छेड़े कोई फ़साना कोई कहानी
बहुत अँधेरी, बहुत मायूस, बहुत लम्बी ये रात है..........

वक़्त के हाथों यहाँ क्या-क्या ख़ज़ाने लूट गए
एक तेरा ग़म ही तो बस अब हमारे साथ है..........

कहाँ वो तन्हाई दिन-रात की और अब ये आलम है
तेरे ख्याल ही तेरे क़रीब होने की सौगात है..........

शायर-ए-फितरत हूँ अब होश में कैसे रहूँ
वरक़ वरक़ में लफ्ज़-ए-ग़म की सजी हुई बारात है.........

ऐ काश सुननेवालों के सीने में दिल होता मीना
हकीकत होती है अशआर में समझो तो कोई बात है..............