Ek Dard Bhara Sawaaal...............
मुझे ज़िन्दगी की तलब नही,
मुझे ज़िन्दगी से गिला नही,
जिसे पाकर खो दिया,
वो नसीब था मिला नही,
जिसे चाहा वो बदल गया,
जिसे मांग़ा वो बिछड गया,
मै अब जी कर क्या करू,
जब ज़िन्दगी मे सिला नही,
जिस वफा की आस मे जल गया,
वो खुशी का दीप जला नही..............?????
Jisska Hai Ek Sukenena-q-rar Jawab.................
मिला वो भी नही करते,
मिला हम भी नही करते,
वफा वो भी नही करते,
जफा हम भी नही करते,
उन्हे रुसवाई का दुख है,
हमे तन्हाई का गम है,
गिला वो भी नही करते,
शिक्वा हम भी नही करते,
किसी मोड पर टकराव हो जाता है अक्सर,
रुका वो भी नही करते रुका हम भी नही करते.........................
3 comments:
bahut khub priyanka ji aapke is shayrane andaz ko kya kehte hain jisme khud hi sawal kiya jata hai aur khud hi jawab diya jata hai?
सुश्री प्रियंका जी
"लेकिन यह भी सच है कि मोहब्बत उन्हें भी है।
इजहार वो भी नहीं करते, इशारा हम भी नहीं करते।"
"प्रियराज"
"मै अब जी कर क्या करू
जब ज़िन्दगी मे सिला नही"
सुश्री प्रियंका जी
"वफ़ा की आस"
ने तो मेरे मन को झक्झोर दिया कैसा उल्हाना दिया है जिन्दगी को| मैं कोई शब्दावली नहीं तलाश पा रहा हूं पर् तारीफ़े-काबिल है..
"ज़िंदगी के मोड पर जो मिला एक दिन"
ज़िंदगी के मोड पर जो था मिला एक दिन,
जुड जाएगा वो मुहब्बत का सिलसिला एक दिन|
मुहब्बत पर अपनी ए दोस्त भरोसा रखिये,
खत्म हो जाएगा दिलों का फ़ासला एक दिन|
हसरते विसाल लेकर राह-ए-वफ़ा में बैटॆ हो,
मिलेगा तुम्हें इस इंतज़ार का सिला एक दिन|
"प्रियराज"
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