रूठने की अदा हम को भी आती है मगर,
काश कोई होता हमे भी मनाने वाला......
किसी के प्यार मे गहरी चोट खाई है,
वफा से पहले ही बे-वफाई पाई है............
लोग तो दुआ मांगते है मरने की,
पर हमने उस की यादो मे जीने की कस्म खाई है................
दुशमनो मे भी दोस्त मिला करते है,
कांटो मे भी फूल खिला करते है..........
हम को कांटा समझा के छोड ना देना,
कांटे ही फुलो की हिफाज़त किया करते है......................
9 comments:
बहुत शुक्रिया प्रिया जी,
वो शब्द कहां से लाऊं आपकी
शायरी में चार चांद जो लगाऊं..
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बस इतनी सी इनायत मुझ पे एक बार कीजिये
कभी आ के मेरे ज़ख्मों का दीदार कीजिये।
हो जायें बेगाने आप शौक से सनम,
आपके हैं आपके रहेंगे एतबार कीजिये।
पढने वाले ही डर जायें देख कर इसे,
किताब-ए-दिल को इतना ना दागदार कीजिये।
ना मजबूर कीजिये कि मैं उनको भूल जाऊं,
मुझे मेरी वफ़ाओं का ना गुनाहगार कीजिये।
इन् जलते दीयों को देख कर न मुस्कुराइये,
जरा हवाओं के चलने का इन्तज़ार कीजिये।
प्रियराज........
bahut khub priyanka ji aapki aur girraj ji dono da jawab nahi
bahut dino baad aapki post ayee khair der se aaye durust aaye
हम को कांटा समझा के छोड ना देना,
कांटे ही फुलो की हिफाज़त किया करते है
शुक्रिया प्रिया जी,
गुलाबों से मुहब्बत है जिन्हें उनको खबर कर दो,
चुभा करते वो कांटे भी बहुत अरमान रखते हैं |
बहारों के ही बस आशिक नहीं ये जान लो,
ख़िज़ाँ के वास्ते भी दिल में हम सम्मान रखते हैं|
प्रियराज........
प्रिया जी,
"Apne Daman Ko Zara Baccha Ke Rakhiyega,
Sard Aahon Se Bhi Hum AAG Laga Deten Hai..."
वाकई में खुदा ने आपको वो कलाम बख्शा हैं जो दिल को दहलाने वाली शायरी से सर्द आहों से आग लगा देतीं हैं.....
हम तो मुरीद हैं आपके चुने हुए "अल्फ़ाजों" के
प्रियराज
Priya Ji ke to hum kaya the hi Magar Raj sahab aap aapki shayari to hume unse door kinchne lagi..
Wah Raj sahab..
Kya baat hai
बस इतनी सी इनायत मुझ पे एक बार कीजिये
कभी आ के मेरे ज़ख्मों का दीदार कीजिये।
Wonderful.........
उत्तम जी
प्रियन्का जी और आप तो शायरी की दुनियां की महानाईका व महानायक हैं । हमें तो उस खुदा ने पहले ही दूर खींच दिया है न आसमा हैं न जमीं अब हमारी । हम क्या किसी से किसी को दूरा खींच सकते हैं.....
......हाथ मिलाने वाले......
"देखते जाइए कैसे हैं ये जमाने वाले,
तापने बैठ गए खुद आग बुझाने वाले।
फ़ासले सदियों के भी कम हो जाते..,
गर दिल मिला लेते ये हाथ मिलाने वाले।"
प्रियराज...
Dear All,
Yeh Nacheez aap sabhi logon ka tahen dil se shukkriya ada karti hai...........
Regards,
Priyanka
प्रियन्का जी
दर असल हम नाचीज़ है कैसे कर सकते हैं स्वीकार आपका शुक्रिया, इसकी हक़दार तो स्वंय आप हैं। बीत रहे वर्ष में हुई जाने-अनजाने त्रुटियों को माफ़ करियेगा, नव वर्ष 2008 सभी को मंगल-मय हो।
"प्रियराज"
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