Friday, October 19, 2007

*******फासले*********


Yeh Woh Dastan Hai, Jab ISHQ mein insan Poori Tarah Se Toot Chuka Hota Hai,

Phir Bhi Woh Apne Mehboob Ko Kucn Nahi Keh Pata Hai, Siway Usske Yaad Mein Tadapne Ke...............


मै वोहि हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे
दिन मे सौ बार मेरा नाम लिया करते थे,....................


आज क्या बात है क्यो मुझसे खफा बैठे हो
क्या किसी और का दिल अपना बना बैठे हो ?..........


फासले पहले तो इतने ना हुआ करते थे
मै वोहि हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे..................


माना की ये गम है कोई सौगात नही
तुम हमे अपना कहो ऐसे भी हलात नही
अगर भूल गये हो, तो कोई बात नही.............


ज़ख्म तो पहले भी इस दिल पे लगा करते थे
मै वोहि हूं, जिसे तुम प्यार किया करते थे...........


जी मै आता है की आज तुम्हे तडपा दूं
दर्द जो तुमने दिये वो सब तुम को लौटा दूं
अगर भूल गये हो तो ये बतला दूं............


तुम मुझे हासिल-ए-अरमान कहा करते थे
मै वोहि हूं जिसे तुम प्यार किया करते थे...................

2 comments:

Raj said...

वाह....वाह..... प्रिया...जी

"निकलो ना बेनकाब जमाना खराब है
मतलब छुपा हुआ है सदा हर सवाल में"

"माना की ये गम है कोई सौगात नही
तुम हमे अपना कहो ऐसे भी हलात नही
अगर भूल गये हो, तो कोई बात नही............."

बडे दिनो के बाद देखी प्यार की बरसात इसे बरकरार रखिएगा कहना तो बहुता कुछ है मगर तारीफ के अल्फाज कहां से लाऊं

+++++तुम्हें चाहा था शिद्दत से+++++

तुम्हें चाहा था शिद्दत से मगर तुम्हें कह ना पाए
बसे थे दिल में मुद्दत से मगर तुम्हें कह न पाए
तुम्हारी आंखों ने चेहरे पे लिखा हुआ देखा है
वो कहना था तुम्हें फुर्सत से मगर कह ना पाए
ये दिल देते हुए हमें तुमको ताकीद करनी थी
कि इस दिल को रखना हिफाजत से कह न पाए
तुम्हें कहना था हमें मौहब्बत चीज ही ऐसी है
नही मिलती जोदौलत से मगर तुमसे कह ना पाए
"........प्रियराज..."

Uttam said...

Excellent.. no more words