Thursday, October 18, 2007

*****गुज़ारिश******


सिर्फ इतना कहना है प्यार है तुमसे
जज़्बातो की कोई नुमाईश नही कि हमने,


प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांग़ा है हमने
रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश नही की हमने,


चाहते हो तो भूला देना हमे दिल से
सदा याद रखने की सिफारिश नही की हमने,


खामोशी से तूफान सह लेते है हम तो
उन बादलो ने इज़्हार की बारिश नही की हमने,


तुम्हे ही माना है रहनुमा अपना
और तो किसी चीज़ की ख्वाहिश नही की हमने,


सिर्फ इतना कहना है ..................

3 comments:

Anonymous said...

excellent priyanka ji
heart touching words are!

Raj said...

प्रियंका जी
आपकी इस गुजारिश ने
"प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांग़ा है हमने
रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश नही की हमने,"

हमें नासाज के साथ बेजुबान कर दिया
सुभान अल्लाह
प्यार के तूफान से जज्बात रिश्ते की बरसात कर सागर से रहनुमा तलाश दिया

***सिर्फ रुसवाई नही होगी***

वो सामने आए तो नजरों को झुका लूंगा
देखूंगा नहीं फिर भी तस्वीर बना लूंगा
आना हो तो आ जाओ रुसवाई नहीं होगी
देखेगा नहीं कोई पलकों में छुपा लूंगा
जो हम पर गुजरनी है एक बार गुजर जाए
हर गम की तरह तुम्हें सीने से लगा लूंगा
वीरान अगर दिल हो आंखों में अंधेरा हो
यादों के दिए अपने पलकों में जला लूंगा
मंजूर अगर होगी तुम्हारी रुसवाई मुझको
मैं बैठ कर साहिल से तूफान् उठा लूंगा
नाराज अगर वो हैं मेरे नसीमन से
मै अपने नसीमन् से तिनकों को हटा लूंगा
क्यूं मुझसे खफा हो कर वो दूर जयेगी
बांहों में वह आ जाए मैं उनको मना लूंगा

प्रियराज......

Uttam said...

Bahut Bahut Khhooob..

Tareef ke liye labzon ki talaash jaari hai..
Tumne hi khoob likha hai ya yeh meri tarafdaari hai..
Kaunsa kalam hai tumhaare paas..
Usme shyahi hai ya zazbaaton ki beshumaari hai..
(Genuinely Uttams)