Thursday, April 12, 2007

********बात करती हू **************


उजाला मुझसे ही होगा ये मैंने कब कहा,
मैं तो चराग़ जलाने की बात करती हूं।

ये निज़ामे-हिन्द तो मामूली बात है,
मैं बुनियाद हिलाने की बात करती हूं।

मेरी हिम्मत की खुलकर 'दाद' दीजिए,
मैं इंकलाब लाने की बात करती हूं।

जिनके ंजमीर को मरे ंजमाना हुआ,
मैं मुर्दो को जगाने की बात करती हूं।

जब भी दिखाया है आईना जिसको मैने
कहते हैं दिल 'दुखाने' की बात करती हूं।

2 comments:

Anonymous said...

marvellous priyanka ji.our youth must follow this sprit.

Priyanka Srivastava said...

Aab Iss Nacheez Ko Samjh Me Nahi Aa Raha Hai Ki kaise Aapka shukkriya Ada Karen..........

मैनें थक के कभी हार मानी नहीं
हौसला फ़िर किया है तुम्हारे लिये

जिन्दगी को हसीं एक मकसद मिला
साँस हर इक लिया है तुम्हारे लिये