Thursday, April 12, 2007

*******सकून*********


आता नही दिल को मेरे सकून बिन दिलदार के,
पता नही कैसे तेरा, मेरे बिना रहने का दिल किया.

कोशिश तो बहुत की तुझे भुला दे इस दिल से,
मगर हर लम्हा बार बार तुझे ही हमने याद किया.

रोकना चाहा उन कदमो को, जो तेरी राह मे बधाये हमने,
फिर भी मेरी रहो ने तेरी मन्ज़िल का ही पता दिया.

वफ़ा तो तेरी फ़ितरत मे ही नही थी, हमसे हो गयी भूल,
पता नही - तुने हमे क्यु बेवफ़ा करार दिया "???"

Regards,

3 comments:

rangnath said...

bahut khoob priyanka ji....aapki panktiyan seedhe dil ko choo jaati hai.....lajawab ....keep it up..

Priyanka Srivastava said...

Shukkriya
Rangnath Ji..........

बात साक़ी की न टाली जाएगी
कर के तौबा तोड़ डाली जाएगी।

देख लेना वो न खाली जाएगी
आह जो दिल से निकाली जाएगी।

आते-आते आएगा उनको ख़याल
जाते-जाते बेख़याली जाएगी।

Anonymous said...

ab main kya kahoon i agree with rangnath