हम तेरे इश्क मे मिट जायेगें सोचा है यही।
गमें दुनियां को भुलाने का तरीका हैं यहीं।।
आप हो रूबरू हमारे तभी रूह तन से निकले।
ऐ मेरे खुदा अब इस दिल की तमन्ना है यही।।
हो गई है चर्चा मेरी मुहब्बत की महफिल में।
जिस ओर से गुज़रू अब चर्चा है बस यही।।
कर दिया है राख अब तो मेरी आहों ने मुझे।
खुदा से इश्क करने का आखिर नतीज़ा है यही।।
मेरे इस बीमार दिल की अब दवा हो सिर्फ तुम।
आपके ही कारण मै जिंदा हूँ वजह भी है यही।।
देख कर मै खुदा को रूबरू चुप ना रह सकी मैं।
जान देकर मिल जाए खुदा सच्चा सौदा है यही।।
गमें दुनियां को भुलाने का तरीका हैं यहीं।।
आप हो रूबरू हमारे तभी रूह तन से निकले।
ऐ मेरे खुदा अब इस दिल की तमन्ना है यही।।
हो गई है चर्चा मेरी मुहब्बत की महफिल में।
जिस ओर से गुज़रू अब चर्चा है बस यही।।
कर दिया है राख अब तो मेरी आहों ने मुझे।
खुदा से इश्क करने का आखिर नतीज़ा है यही।।
मेरे इस बीमार दिल की अब दवा हो सिर्फ तुम।
आपके ही कारण मै जिंदा हूँ वजह भी है यही।।
देख कर मै खुदा को रूबरू चुप ना रह सकी मैं।
जान देकर मिल जाए खुदा सच्चा सौदा है यही।।
2 comments:
लाजवाब प्रियंका जी । कभी-कभी तो कुछ कहने के लिये लफ्ज ही नहीं मिलते । आप ही बतायें क्या लिखूं ।
Shukkriya
Ashish Ji
Yeh To Aapki Inayat Hai
Warna Nacheez Kuch bhi Nahi Hai
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