Wednesday, January 30, 2013

देख के हमको वो सर झुकाते हैं,
बुला कर महफ़िल में नजरें चुराते हैं,...............
नफरत हैं तो कह देते हमसे,
गैरों से मिलकर क्यों दिल जलाते हैं..........................

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